भारत में सांप के काटने से होने वाली मौतों की संख्या दुनिया में सबसे अधिक है। हाल के अध्ययनों और विशेषज्ञों की राय के अनुसार, जलवायु परिवर्तन इस खतरे को और बढ़ा रहा है, जिससे यह एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट बन गया है। इस लेख में हम इस समस्या के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करेंगे और समाधान प्रस्तुत करेंगे।
सांप के काटने से संबंधित आंकड़े
- WHO के अनुसार, भारत में हर साल लगभग 45,900 से 58,000 सांप के काटने से मौतें होती हैं, जो दुनिया में सबसे अधिक हैं। World Health Organization
- “Million Death Study” के अनुसार, पिछले बीस वर्षों में लगभग 12 लाख लोगों की मौत सांप के काटने से हुई है। World Health Organization
- सांप के काटने से होने वाली मौतों में से अधिकांश ग्रामीण क्षेत्रों में होती हैं, जहां चिकित्सा सुविधाओं की कमी और जागरूकता की कमी है।
जलवायु परिवर्तन और सांप के काटने का बढ़ता खतरा
हाल के अध्ययन में यह पाया गया है कि जलवायु परिवर्तन के कारण भारत के उत्तरी और पूर्वोत्तर क्षेत्रों में विषैले सांपों, विशेषकर “बिग फोर” प्रजातियों, का फैलाव बढ़ रहा है। इससे सांप के काटने की घटनाओं में वृद्धि हो सकती है, जो पहले से ही भारत में एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है।

“बिग फोर” विषैले सांप
“बिग फोर” भारत में पाए जाने वाले चार विषैले सांपों की प्रजातियाँ हैं:
- कॉमन क्रेट (Common Krait): यह सांप रात में सक्रिय होता है और इसके काटने से तंत्रिका तंत्र प्रभावित होता है।
- रसेल्स वाइपर (Russell’s Viper): यह सांप दिन में सक्रिय होता है और इसके काटने से खून का थक्का जमने की समस्या होती है।
- इंडियन कोबरा (Indian Cobra): यह सांप भी दिन में सक्रिय होता है और इसके काटने से श्वसन तंत्र प्रभावित होता है।
- सॉ-स्केल्ड वाइपर (Saw-scaled Viper): यह सांप छोटे आकार का होता है और इसके काटने से गंभीर रक्तस्राव हो सकता है।
प्राथमिक चिकित्सा और उपचार
सांप के काटने पर तुरंत चिकित्सा सहायता प्राप्त करना आवश्यक है। प्राथमिक चिकित्सा के कुछ महत्वपूर्ण उपाय हैं:
- काटे गए स्थान को स्थिर रखें और उसे हृदय से नीचे रखें।
- काटे गए स्थान पर बर्फ का प्रयोग करें।
- काटे गए सांप की तस्वीर लें (यदि संभव हो) ताकि उपचार में मदद मिल सके।
- किसी भी पारंपरिक उपचार से बचें और तुरंत नजदीकी अस्पताल में जाएं।
राष्ट्रीय कार्य योजना (NAPSE)
भारत सरकार ने 2024 में “राष्ट्रीय सांप काटने की विषाक्तता नियंत्रण और रोकथाम कार्यक्रम” (NAPSE) की शुरुआत की। इस योजना का उद्देश्य 2030 तक सांप के काटने से होने वाली मौतों और विकलांगताओं को आधा करना है। इसमें सांप के काटने को “नोटिफ़ेबल डिजीज” घोषित करना, एंटीवेनम की उपलब्धता बढ़ाना, और ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधाओं को सुदृढ़ करना शामिल है।
सांप के काटने से बचाव के उपाय
सांप के काटने से बचाव के लिए कुछ महत्वपूर्ण उपाय हैं:
- रात के समय ऊँची घास वाले क्षेत्रों में न जाएं।
- सुरक्षात्मक जूते और कपड़े पहनें।
- घर के आसपास के क्षेत्रों को साफ रखें और बिलों को बंद करें।
- सांप के बारे में जागरूकता बढ़ाएं और समुदाय में जानकारी फैलाएं।
जलवायु परिवर्तन और बढ़ती जनसंख्या के कारण सांप के काटने की घटनाओं में वृद्धि हो सकती है। इसलिए, सरकार, स्वास्थ्य संगठन, और समुदायों को मिलकर इस समस्या का समाधान ढूंढना होगा। NAPSE जैसी योजनाएं इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं, लेकिन इनके प्रभावी कार्यान्वयन के लिए सभी का सहयोग आवश्यक है।
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Author: Ronak Sharma
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