इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) और टाटा मेमोरियल सेंटर की एक नई स्टडी ने भारत में कैंसर के बढ़ते बोझ पर गंभीर चिंता जताई है। रिपोर्ट में साफ बताया गया है कि भारतीय महिलाओं और पुरुषों में कौन से कैंसर सबसे आम हैं और क्यों समय पर पहचान से जीवन बचाया जा सकता है।
भारत में तेजी से बढ़ रहे कैंसर के मामले
यह स्टडी 20 अगस्त 2024 को पब्लिश हुई थी। इसमें देशभर के 43 कैंसर रजिस्ट्रियों से डेटा शामिल किया गया।
- इसमें 7 लाख से ज्यादा केस और 2 लाख से अधिक मौतों का विश्लेषण किया गया।
- अनुमान है कि 2024 में भारत में 15.6 लाख नए कैंसर केस सामने आएंगे।
- यह संख्या 2023 के 14.9 लाख मामलों से कहीं ज्यादा है।

महिलाओं और पुरुषों में सबसे आम कैंसर
- महिलाओं में
- ब्रेस्ट कैंसर सबसे आम है।
- इसके बाद सर्वाइकल कैंसर आता है, जो खासकर ग्रामीण इलाकों में बड़ी चुनौती बना हुआ है।
- पुरुषों में
- ओरल (मुख) कैंसर सबसे ज्यादा पाया जाता है।
- इसके बाद लंग (फेफड़े) कैंसर आता है।
क्षेत्रों के हिसाब से अलग तस्वीर
रिपोर्ट बताती है कि देशभर में कैंसर के पैटर्न अलग-अलग हैं।
- पूर्वोत्तर भारत – यहां एसोफैगल और पेट का कैंसर ज्यादा पाया जाता है।
- शहरी क्षेत्र – दिल्ली, बेंगलुरु और हैदराबाद जैसे शहरों में ब्रेस्ट और ओरल कैंसर के केस ज्यादा हैं।
- ग्रामीण क्षेत्र – यहां सर्वाइकल कैंसर अब भी बड़ी समस्या है।
आगे का रास्ता: रोकथाम और जागरूकता
एक्सपर्ट्स मानते हैं कि कैंसर से लड़ाई के लिए टार्गेटेड प्रीवेंशन की जरूरत है।
- ब्रेस्ट और सर्वाइकल कैंसर की शुरुआती जांच से हजारों जिंदगियां बचाई जा सकती हैं।
- तंबाकू और गुटखा छोड़ना ओरल कैंसर को कम कर सकता है।
- ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं और जागरूकता को बढ़ाना जरूरी है।
निष्कर्ष
ICMR की रिपोर्ट साफ करती है कि भारत में कैंसर का बोझ तेजी से बढ़ रहा है। लेकिन सही समय पर पहचान, स्क्रीनिंग और जीवनशैली में बदलाव से कई जिंदगियां बचाई जा सकती हैं। महिलाओं को नियमित ब्रेस्ट और सर्वाइकल कैंसर टेस्ट कराने चाहिए, वहीं पुरुषों को तंबाकू से दूरी और फेफड़ों की देखभाल पर ध्यान देना होगा।